“एक रात के अंधेरे में, एक पुरानी हवेली, और खामोशी का शोर। हवेली में एक अजीब माहौल है, जैसे कुछ दबी हुई आवाज़ों की एक कहानी सुन रही हो। एक आम आदमी, रोहन, हवेली में फंस जाता है जब उसकी कार खराब हो जाती है। वह सोचता है, "कुछ तो गड़बड़ है।" उसके सामने चलने लगी हवेली की कुछ छवियाँ, लेकिन जब वह उनके पीछे जाता है, कोई नहीं होता। डर के मारे वह अंदर जाता है, और फिर शुरू होती है उसकी असली भयानक यात्रा। आगे कैसे बढ़ती है, वह तो आपकी कल्पना पर निर्भर करता है।”