Log in or Sign up
3mo ago
रात के अंधेरे में, जब सब सो रहे थे, एक अजीब सी आवाज़ गूंज रही थी... (pause) जैसे कोई दीवारों से फुसफुसा रहा हो। अचानक... दरवाज़ा अपने आप खुल गया।" Voice: (deep and echoing) "कौन है...?" "कोई नहीं... फिर भी हर कदम पर उसकी परछाई दिख रही थी।"