"बालकृष्ण अपने मित्रों के साथ घने हरे-भरे वन में गौचारण कर रहे हैं। श्रीकृष्ण के सिर पर मोरपंख सजा है, पीला रेशमी धोती पहना है, और हाथ में बांसुरी है। पीछे ऊँचे पर्वत हैं जिनसे एक सुंदर झरना बह रहा है। आकाश में रंग-बिरंगे पक्षी उड़ रहे हैं। चारों ओर हरियाली, रंगीन फूलों से भरे वृक्ष, और गौओं का झुंड चर रहा है। सूरज की किरणें पेड़ों के बीच से छनकर धरती पर पड़ रही हैं। वातावरण दिव्य और शांतिपूर्ण है।"